O Shahar Ke Banke Babu

सी रामचंद्र, शमशाद बेगम

हो ओ ओ शहर के बांके बाबू ज़रा दिल पे रखियो काबू तुम किसी पराये गाँव में ज़रा संभल के जाना जी ज़रा संभल के जाना जी ओ बाबू ओ गाँव की गोरी गोरी गुडिया तू है आफत की पुड़िया अजी हम परदेसी लोग हमें न हंसना सताना जी ज़रा संभल के जाना जी ओ बाबू एक बात मेरे कान में कह दो बाबू करू सलाम एक बात मेरे कान में कह दो बाबू करू सलाम जिनके घर पे तू जा रहे उनका क्या है नाम अररि हम तो यहाँ पराये एक नए मुल्क में आये हम न जाने कोई नाम ढाम न पता ठिकाना जी ज़रा संभल के जाना जी ओ बाबू तुम बिना जान पहचान मत होना कहीं मेहमान अजी मत होना कहीं मेहमान फंदे में किसी के फंसे तो लाला हो जाओगे हैरान फंदे में किसी के फंसें तो लाला हो जाओगे हैरान है नारि यहाँ की चुलबुल तुम को न बना ले बुलबुल यहाँ तिरछी नज़र वालों का है घर घर में आना जी ज़रा संभल के जाना जी ओ बाबू दिल काबू में रखना अरी दिल काबू में रखना मेरे बाएं हाथ का खेल मेरे बाएं हाथ का खेल कभी नहीं निकलेगा देखो इस रीति से तेल ओ गोरी इस रीति से तेल अजी पता चलेगा पता चलेगा जब होगा मीठी छुरियों से मेल जब जादू के तीर चलेंगे जब जादू के तीर चलेंगे तुम न सकोगे लाला झेल हा आ आ तुम न सकोगे लाला झेल पल भर में पल भर में बन जाओगे तीरों का निशाना जी ज़रा संभल के जाना जी ओ बाबू

Written by: Anil Biswas, C Ramchandra, pradeepLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store

Related songs