Raat Hai Kitni Suhani
सी रामचंद्र
हु हु आ हुआ रे हुआ हु हु आ हुआ रे हुआ रे
हु हु आ हुआ रे हुआ हु हु आ हुआ रे हुआ रे
रात है कितनी सुहानी
चाँद से बढ़ के जवानी
तेरी अदाएँ और मेरी निगाहें
हे आजा सुनाती है कहानी
रात है कितनी सुहानी
हा हा हु हु आ हुआ रे हुआ हु हु आ हुआ रे
मस्ती मे चूर ये मौसम
दिल का सुरूर ये मौसम
ओ मेरी चाँदनी आँखो की बंदगी
तेरा ही नूर ये मौसम
बात तू सुन ले दीवानी
रात है कितनी सुहानी
तेरी अदाएँ और मेरी निगाहें
हे आजा सुनाती है कहानी
रात है कितनी सुहानी
हा हा हु हु आ हुआ रे हुआ हु हु आ हुआ रे
तेरा शबाब ये महफ़िल
बनके शराब ये महफ़िल
छायी रे बेखुदी नाचे रे जिंदगी
जन्नत का ख्वाब ये महफ़िल
प्यार की तू ही जिंदगानी
रात है कितनी सुहानी
तेरी अदाएँ और मेरी निगाहें
हे आजा सुनाती है कहानी
रात है कितनी सुहानी
ओ ओ आ हुआ रे हुआ हुआ रे
हु हु हु बाबा लो
Written by: C Ramchandra, Hasrat JaipuriLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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