Haseenon Se Muhabbat Ka Bura Anjaam
सी रामचंद्र
ओ हसीनों से मोहब्बत का
आ हसीनों से मोहब्बत का बुरा अंजाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घर बार भी नीलाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घर बार भी नीलाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घर बार भी नीलाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घर बार भी नीलाम होता है
हसीनों से मोहब्बत का बुरा अंजाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घर बार भी नीलाम होता है
हो कभी काजल की फरमाइश
कभी पाउडर की फरमाइश
कभी सर्कस की ज़िद है
और कभी थियेटर की फरमाइश
निकलवाती है दीवाला
अजी दिलबर की फरमाइश
कचेरी और थाने में
बहुत ही नाम होता है
कचेरी और थाने में
बहुत ही नाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घरबार भी नीलाम होता है
हसीनों से मोहब्बत का बुरा अंजाम होता है
हो टके हो जेब में तो
अरे टके हो जेब में तो
हुस्नवाले दिल लगाते हैं
गले में डालकर बाहें
बड़ी उल्फत जताते है
अगर आशिक हो कड़का
तो दूर से रस्ता दिखाते हैं
हो जिसका बैंक में खाता
वही गुलफाम होता है
हो जिसका बैंक में खाता
वही गुलफाम होता है
मेरी जाँ प्यार में घरबार भी नीलाम होता है
हसीनों से मोहब्बत का बुरा अंजाम होता है
Written by: CHITALKAR RAMCHANDRA, RAJINDER KRISHANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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