Tum Hi Se

लकी अली

रात चाँदनी छाई हुई है चमक रहा है तारा ठंडी ठंडी ये पुरवई सोचो किसने बनाया हो तुम ही हो पहले, तुम ही हो आख़िर तुम ही से सारा जहाँ तुम ही से माँ बाप तुम ही से बचपन तुम ही से समा पेड़ परिंदे पानी का झरना तुम से चमन का महकना नीले नीले फूलों में भवरों का है यही गुनगुना ना हो तुम ही से शबनम तुम ही से खुश्बू तुम ही से है यह बहार तुम ही से झोंके मस्त हवा के तुम ही से फ़िज़ा हू हू हू हू हू हू हू ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म दोनो जहाँ का तू है उजाला रब तूने है हुमको पाला तेरा है अंबर तेरी है धरती तेरा है यह जग सारा ओ तुम ही से बादल तुम ही से सावन तुम ही से है ये घटा तुम ही से बिजली तुम ही से तूफान तुम ही से खुमार हू हू हू हू हू हू हू ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म ह्म

Written by: LUCKY ALI, SYED ASLAM NOORLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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