झील पे जैसे नाव चले आहिस्ता आहिस्ता
बादल में ऐसे ये चाँद छिपे
कहने को है ये भी चेहरा
छोड़ आए पीछे हम किसको कहाँ
उनको खबर है की हम है यहाँ
आए बहारों में महकाई राह
फिर मिलने आएँगे क्या
बस थोड़ी दूरी ये रास्ता कहे
रुकने लगे फिर चल दिए
जब वो हमे यूँ दिलाते है वास्ता वास्ता
रिश्ते हम ऐसे निभाते है
रात से जैसे कोई सुबह
अब है नज़र में एक ऐसा समा
लेकर ही आएँगे तुम को यहाँ
अंजान राहों के अंजान राही
जाए तो जाए कहाँ
तुम हो सलामत ये दिल यूँ कहे
चाहे मिले या ना मिले
दूर से जो बुलाए तो आजा ना आजा ना
चाहे सवारी भी ना मिले
हो सके तो चलके ही आना
Written by: ASLAM, LUCKY ALI, Syed AslamLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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