Abke Baras Bhi Woh

Chitra Singh

अब के बरस भी वो नहीं आये बहार में अब के बरस भी वो नहीं आये बहार में गुज़रेगा और एक बरस इंतज़ार में अबके बरस भी वो नहीं आये बहार में ये आग इश्क़ की है बुझाने से क्या बुझे ये आग इश्क़ की है बुझाने से क्या बुझे दिल तेरे बस में है ना मेरे इख़्तियार में गुज़रेगा और एक बरस इंतज़ार में अब के बरस भी वो नहीं आये बहार में है टूटे दिल में तेरी मुहब्बत, तेरा ख़याल है टूटे दिल में तेरी मुहब्बत, तेरा ख़याल है टूटे दिल में तेरी मुहब्बत, तेरा ख़याल कुछ रंग है बहार, उजड़ी बहार में गुज़रेगा और एक बरस इंतज़ार में अब के बरस भी वो नहीं आये बहार में आँसू नहीं हैं आँख में लेकिन तेरे बग़ैर आँसू नहीं हैं आँख में लेकिन तेरे बग़ैर तूफ़ान छुपे हुए हैं दिल-ए-बेक़रार में गुज़रेगा और एक बरस इंतज़ार में अब के बरस भी वो नहीं आये बहार में

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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