Hmmm
अंकुर तिवारी, योड नेवो
गिनते थे रातों को लेटे हम तारे
गुनगुनाती थी फिर हवायें
पहचानी सी धुन
ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म
ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म ह्म्म्म्म
टूटे थे उन्न तारों में कुछ तारे
माँगी थी जो दुआएं
उनमे थी तुम
तुम
तुम
तुम
थी तुम
उम्मीदों की गलियों में होता था करपता
ताश के पत्तों से बनाया था वो घरोंदा
गुज़र भी गया वक़्त और पता भी ना चला
क़िस्सा बना जाने कब दास्तान हां
हो दास्तान
कदमों से फिर मिला के चले कदम
दुनिया से हम जुदा थे अपनी दुनिया में हम
ह्म्म्म्म
ह्म्म्म्म
ह्म्म्म्म
थे हम
हां हम
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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