आँखों में तेरी
एक अजीब सी दूरी है
होंठो पे तेरे
कुछ बात अधूरी है
करीब आओ जरा बताओ
हो तुम कहाँ
ऐसे दूर रहते नहीं
दूर रहते नहीं
ग़म ने यहाँ
ग़म पहचाना है
ज़ख्म है नया
पर दर्द पुराना है
करीब आओ जरा बताओ
हो तुम कहाँ
ऐसे दूर रहते नहीं
दूर रहते नहीं
रातों को आँखों से
नींदें सब खोयी है
दुनिया अजनबी सी
मुंह मोड़ सोयी है
करीब आओ
ऐसे दूर रहते नहीं
दूर रहते नहीं
रहते नहीं
रहते नहीं
रहते नहीं
रहते नहीं
Written by: अंकुर तेवारीLyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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