Chaand Chahiye
अंकुर तिवारी
उसकी चाहत का था इरादा
कुछ वादों से उसे था पाना
उन वादों में था एक वादा
वो जो चाँद है उसे था लाना
अब उसे चाँद चाहिए
और उसे तारे चाहिए
वो जो वादे किये थे
उसे सारे चाहिए
पागल था या दीवाना
ना जाने किस धुन में
किया था वादा
कशमकश में यूँ
फँस गया हूँ मैं
इस मुश्किल से
खुद को बचाना
अब उसे चाँद चाहिए
और उसे तारे चाहिए
वो जो वादे किये थे
उसे सारे चाहिए
उसकी चेहरे में (चेहरे में) मेरा चाँद है
उसकी आँखों में मेरे तारे
पर उसे चाँद चाहिए
और उसे तारे चाहिए
वो जो वादे किये थे
उसे सारे चाहिए (सारे चाहिए)
और उसे चाँद चाहिए
और उसे तारे चाहिए (सारे चाहिए)
मेरी चाहत ना उसको
बस मेरे वादे चाहिए
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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