Aainda

अंकुर तिवारी

चढ़ा ऐसा बुख़ार है के सब के सर सवार है जाने हैं किस फिराक में यह खून की ख़ुराक के जमाने इतना क्या हो गए हम खफा तुम तो मेरे यार थे जान के पहचान के तुम को अब क्या हो गया मिलो नकाब उतार के कहीं पे इतना क्या हो गए हम खफा आइन्दा मिलना मुझे सितारों के नीचे जहाँ पे जुगनुओं ने है बुने रास्ते हमारी चाहतो के लिए सियासी थे बदल गए वो वादे जुमला बन्न गए जो करना था वो कर गए बस हम और तुम बिछड़ गए कहीं पे इतना क्या हो गए हम खफा आइन्दा मिलना मुझे सितारों के नीचे जहाँ पे जुगनुओं ने है बुने रास्ते हमारी चाहतो लिए आइन्दा मिलना मुझे सितारों के नीचे जहाँ पे जुगनुओं ने है बुने रास्ते हमारी चाहतो के लिए आइन्दा मिलना मुझे सितारों के नीचे जहाँ पे जुगनुओं ने है बुने रास्ते हमारी चाहतो के लिए

Written by: अंकुर तिवारी, द गलत फैमिलीLyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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