Roi naa je yaad meri
Vicky Singh
तेरी गली से घर छोड़ के
दूसरे महल्ले मे घर ले लिया
सुबेह की अज़ान सुन के
नमाज़ की जगह पे तेरा नाम ले लिया
पर मेरी सुनी ना अल्लाह गैर हो गेया
और दुनिया का हमसे भी तो वेर हो गया
हो कहीं तन्हा ना रहे जाई वे
रोई ना जो याद मेरी आई वे
खुश रहीं, अखान ना भर आई वे
क्या हुआ जो तू मुझसे दूर हो गया
सपना दोनो का चूर चूर हो गया
हो तेरे साथ रहें मेरी परछाई वे
वैसे तो ख़याल तूने अपना
मेरे बिना रखना सीखा ही नहीं
जब मेरे बिना रहना होगा
तूने तो वो वक़्त अभी सोचा ही नही
सहारा कोई दे तो एहसान ना लेना
दुख पुच्छे जो कोई मेरा नाम ना लेना
हो अब जीते जी मैं ना मार जाओं वे
रोई ना जो याद मेरी आई वे
खुश रहीं, अखान ना भर आई वे
क्या हुआ जो तू मुझसे दूर हो गया
सपना दोनो का चूर चूर हो गया
हो तेरी साथ रहें मेरी परछाई वे
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
Create your own version of your favorite music.
Sing now