Dooba Rahoon Sada

Vicky Singh

आपकी कशिश सरफ़रोश हैं आपका नशा यु मदहोश हैं क्या कहें तुमसे जाने जा गुम हुआ होश हैं बाते तुम करती हो वफ़ा की मेरे साथ तुमने बस खफा की याद आयी तेरी मैंने दफा की मार के जो मन में सज़ा दी पर अब दिल मिले दिल खिले शुरू हुए सिलसिले मिलने के लिए अब मिल भी ले लेकिन अब मन भी नहीं है एक क्षण भी नहीं है कुछ धन भी नहीं है अब वो समझी नहीं है नहीं आयी है नींद वो जबसे गयी है मैं खरीदता हूँ नींद ऊँची रब्ब से नहीं है कैसे करू हाल बयां मेरे पास लफ़ज़ ही नहीं है तुझे पाने की चाह इन्ह सबसे कई है हो तो गया है इश्क़ रोग मेरे पास कोई मर्ज़ ही नहीं है तो फिर कोई हर्ज़ ही नहीं है डूबा रहूँ सदा तेरे ख्यालों में उलझा राहु सदा तेरे सवालो में तेरे बिना कही अब न करार हैं जानेमन तुझ पे तोह जान भी निसार हैं न मेरी खता न मेरा दोष हैं आपका नशा यु मदहोश हैं क्या कहें तुमसे जाने जा गुम हुआ होश हैं गुम हुआ होश है

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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