Gaayen Hum Nache Hum

Vani Jairam

गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम देवताओ दानवो ने मिल समुंदर मंथन किया तो देवताओ दानवो ने मिल समुंदर मंथन किया तो अमृत मिला तो पीने को चले सुर आशुर दोनो ही भाई भाई को मोहन तुमने एक दूजे से लड़ते देखा तब तुमने एक चाल चली नारी वेश मे सज्जित हो देवो को दानवो को आकर्षित कर लिया सबको चकित किया तुमने सबको और तुमने अमृत बाँटा देवताओ को और मुस्कानो से मोहित कर दिया उन दानवो को गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम इंद्र की पदवी हमें मिली तो घट हुए राजा बलि उसका गर्व मर्दन करने को वामन बने हरी बलि से हरी ने दान तीन पग धरती माँगी रहने को शुक्र बने अवरोध दान संकल्प मे कभी बलि ने फोड़ी एक तिनके से आँख आचार्य की हाँ हाँ इतने हुए विशाल वामन छूने लगे अंबर को फिर भू लोक लिया पहले पग से नापा गगन दूजे डग से बलि को तीसरे चरण से भेजा पाताल मे स्वर्ग से गाये हम नाचे हम नटवर कृष्ण नचाते तुम तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम तेरी बाँसुरी की धुन पे गीत प्यार के गाये हम गीत प्यार के गाये हम गीत प्यार के गाये हम गीत प्यार के गाये हम

Written by: B.D. MISHRA, S.N. TRIPATHILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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