Tumhe Maine Chaha Badi Chot Khayi

Talat Mahmood

तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी मोहब्बत ने क्या मेरी हालत बने तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी कहा आ गया मैं कहा रे कहा रे न अपनी खबर है रे न खुद है पराई तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी अकेले में कोई सहारा तो होता मेरा डुबता जी उभरा तो होता तुम्हे ढूंढते ढूँढ़ते खो गया मैं कहा हूँ कही से पुकारा तो होता कही से तुम्हारी न आवाज़ आयी तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी यही है यही क्या मोहब्बत की रश्में न तुम मेरे बस में न दिल मेरे बस में किसी तरह ऐ काश मैं भूल जाऊ अदाओ के वादे निगाहों को कस्में वो वादे वो कसमें मगर बेवफाई तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी मोहब्बत के रंगी मंजर दिखा कर नज़र छीन ली मुझसे नज़रे चुराकर मुझे काहे को तुमने धोखे में रखा न मेरे बने मुझको अपना बना कर मिटा कर मुझे अपनी दुनिया बसाई तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी मोहब्बत ने क्या मेरी हालत बने तुम्हे मैंने चाहा बड़ी चोट खायी

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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