Zara Kah Do Fizaon Se

मुबारक बेगम, Talat Mahmood

ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से हमें इतना सताए ना तुम्ही कह दो हवाओं से तुम्हारी याद लाए ना ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से हमें इतना सताए ना तुम्ही कह दो हवावों से तुम्हारी याद लाए ना ज़रा कह दो मोहब्बत क्या हुई तुमसे परेशां हो गये हम तो जहा ये ज़ुल्फ़ लहराई वही पे खो गये हम तो यू ही जलते है उलफत में कोई ज़्यादा जलाए ना ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से हमे इतना सताए ना ज़रा कह दो कहेंगे क्या ज़माने को ज़रा समझाइये हमको कसम से कह रहे है अब नही तड़पाइए हमको यूही बेचैन रहते है कोई ज़्यादा सताए ना ज़रा कह दो फ़िज़ाओं से हमे इतना सताए ना तुम्ही कह दो हवावों से तुम्हारी याद लाए ना ज़रा कह दो

Written by: Balkavi Bairagi, Roy-FrankLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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