Kabse Butkade Se

Talat Mahmood

आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ काबे से बुतक़दे से कभी बज़्म-ए-जाम से काबे से बुतक़दे से कभी बज़्म-ए-जाम से आवाज़ दे रहा हूँ तुझे हर मुकाम से आवाज़ दे रहा हूँ तुझे हर मुकाम से, ए ए ए हा आ आ, न आशना आ आ आ आ है आज वही मेरे नाम से न आशना है आज वही मेरे नाम से दुनिया पुकारती थी जिन्हे मेरे नाम से दुनिया पुकारती थी जिन्हे मेरे नाम से, ए ए ए हा आ आ आ आ उफ़, ये शब-ए-फ़िराक़ के मारों की बेख़ुदी ख़ुद ही बुझा दिया है चराग़ों को शाम से, ए ए ख़ुद ही बुझा दिया है चराग़ों को शाम से, ए ए ए दिल में फ़रेब, लब पे तबस्सुम, नज़र में प्यार दिल में फ़रेब, लब पे तबस्सुम, नज़र में प्यार लुटे गए 'शमीम' बड़े ऐह्तमाम से लुटे गए 'शमीम' बड़े ऐह्तमाम से, ए ए काबे से बुतक़दे से कभी बज़्म-ए-जां से आवाज़ दे रहा हूँ तुझे हर मुकाम से, ए ए ए काबे से बुतक़दे से कभी बज़्म-ए-जां से

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