Kabhi Hai Gham Kabhi Khushiyan

Talat Mahmood

कभी है गम कभी खुशिया यही तो ज़िंदगानी है कभी लब पर हँसी है और कभी आँखो मे पानी है कभी है गम ना घबरा असमा पर च्छा गया है आज अगर बादल ना घबरा असमा पर च्छा गया है आज अगर बादल के ये बादल ही चंदा के निकालने की निशानी है के ये बादल ही चंदा के निकालने की निशानी है कभी है गम भरा करते है ज़ख़्म-ए-दिल और आँसू भी है थम जाते भरा करते है ज़ख़्म-ए-दिल और आँसू भी है थम जाते और आँसू भी है थम जाते बनाई जिसने दुनिया ये उसी की मेहरबानी है बनाई जिसने दुनिया ये उसी की मेहरबानी है कभी है गम कभी खुशिया यही तो ज़िंदगानी है कभी है गम

Written by: Anil Biswas, Qamar JalalabadiLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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