Ham Unke Paas Aate Hain

Talat Mahmood

हम उनके पास आते हैं वह हमसे दूर जाते हैं तड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं बहारों को सुनाते हैं हम उनके पास आते हैं जबसे हमको प्यार हुआ है जीना भी दुश्वार हुआ है जीना भी दुश्वार हुआ है सहारे जब ना पाते हैं तोह फिर घबरा ही जाते हैं तड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं बहारों को सुनाते हैं हम उनके पास आते हैं बिन तेरे वीरान रहा है गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है तुझे अरमां बुलाते हैं नए तूफ़ान उठाते हैं तड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं बहारों को सुनाते हैं हम उनके पास आते हैं दर्द में डूबी शाम न पूछो आहों का अंजाम न पूछो आहों का अंजाम न पूछो शमा ग़म की जलाते हैं अँधेरे बढ़ते जाते हैं तड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं बहारों को सुनाते हैं हम उनके पास आते हैं

Written by: Hasrat Jaipuri, Shankar-JaikishanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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