Aarti Kunj Bihari Ki
सुरेश वाडकर
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
गले में बैजंती माला माला
बजावै मुरली मधुर बाला बाला
श्रवण में कुण्डल झलकाला काला
नंद के नंद श्री आनंद कंद मोहन ब्रिज चंद
राधिका रमन बिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
गगन सम अंग कांति काली काली
राधिका चमक रही आली आली
लतन में ठाढ़े बनमाली माली माली
भ्रमर सी अलक
कस्तूरी तिलक
चंद्र सी झलक
ललित छवि श्यामा प्यारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
कनकमय मोर मुकुट बिलसै बिलसै
देवता दरसन को तरसैं तरसैं
गगन सों सुमन रासि बरसै बरसै
बजे मुरचंग
मधुर मिरदंग
ग्वालनि संग
अतुल रति गोप कुमारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
जहां ते प्रकट भई गंगा गंगा
कलुष कली हारिणि श्री गंगा गंगा
स्मरन ते होत मोह भंगा भंगा
बसी शिव सीस
जटा के बीच
हरै अघ कीच
चरन छवि श्रीबनवारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
चमकती उज्ज्वल तट रेनू रेनू
बज रही वृंदावन बेनू बेनू
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू धेनू
हंसत मृदु मंद
चांदनी चंद
कटत भव फंद
टेर सुन दीन भिखारी की
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
आरती कुंजबिहारी की
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की
Written by: SURESH WADKARLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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