Aankh Uthi

श्रेय सिंघल

तुम थे जहाँ मैं तेरे पास वहीं दर्द मेरे में तेरा साथ नही भीगे वो सपने ही आए नज़र है ये तेरा नशा आफ्रीं आफ्रीं आँखे ये मेरी ढूँढे तेरा पता लापता हो गये हे क्यू फिर एक दफा कुछ यादो मे रखते थे हुमको सदा क्यू बताया ना हमसे हुई क्या ख़ता आँखे ये मेरी ढूँढे तेरा पता लापता हो गये हे क्यू फिर एक दफा कुछ यादो मे रखते थे हमको सदा क्यू बताया ना हमसे हुई क्या ख़ता पल भर में तेरी इबादत हुई जीने की मुझको आदत हुई इश्क़ मेरा होना चाहे रिहा तू भी कर यह ख़ाता कभी ना कभी आँखे ये मेरी ढूँढे तेरा पता लापता हो गये हे क्यू फिर एक दफा कुछ यादो मे रखते थे हमको सदा क्यू बताया ना हम से हुई क्या ख़ता ए ए ए आई नज़र तेरी आवारगी है बेअसर मेरी दीवानगी चैन मेरा ढूँढे तेरा पता तुझसे यह कहूँ या कहूँ मैं नही आँखे ये मेरी ढूँढे तेरा पता लापता हो गये हे क्यू फिर एक दफा कुछ यादो मे रखते थे हुमको सदा क्यू बताया ना हम से हुई क्या ख़ता आँखे ये मेरी ढूँढे तेरा पता लापता हो गये हे क्यू फिर एक दफा कुछ यादो मे रखते थे हुमको सदा क्यू बताया ना हम से हुई क्या ख़ता

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