Tum Jab Paas

प्रतीक कुहड़

कितने वादें कितनी बातें बाक़ी हैं कितने दिन और कितनी रातें बाक़ी हैं इन परछाइयों से बदल भी जाऊँ तो मैं बेफ़िकर हूँ मदहोश हो भी जाऊँ तो तुम जब पास आती हो पलकों से मुस्कुराती हो हवाएँ भी गुनगुनाती हैं तुम जब पास आती हो उलझी नज़रें कैसे अंजान शहरों में सारी क़समें बहती यादों की लहरों में इस गहराई से बेख़बर हो जाऊँ तो मैं बेफ़िकर हूँ मदहोश हो भी जाऊँ तो तुम जब पास आती हो पलकों से मुस्कुराती हो हवाएँ भी गुनगुनाती हैं तुम जब पास आती हो खो जाने की ज़िद ना करो ख्वाहिश है ये दिल की राहों को नज़र में रखो मैं भी तो लौट आऊँगा हवाओं सा गुनगुनाऊँगा कितने वादें कितनी बातें बाक़ी हैं कितने दिन और कितनी रातें बाक़ी हैं तुम जब पास आती हो पलकों से मुस्कुराती हो हवाएँ भी गुनगुनाती हैं तुम जब पास आती हो तुम जब पास आती हो तुम जब पास आती हो तुम जब पास आती हो तुम जब पास आती हो

Written by: प्रतीक कुहाड़Lyrics © CONCORD MUSIC PUBLISHING LLC, O/B/O DistroKidLyrics Licensed & Provided by LyricFind

Create your own version of your favorite music.

Sing now

Kanto is available on:

google-playapp-storehuawei-store

Related songs