Shikwe Bhi Hazaron Hai
Pankaj Udhas
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
इस दिल को मगर उससे
मोहब्बत भी बहोट है
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
आ जाता है मिलने वो
तसाउर में सरे शाम
आ जाता है मिलने वो
तसाउर में सरे शाम
एक शाकस की इतनी सी
इनायत भी बोहत है
एक शाकस की इतनी सी
इनायत भी बोहत है
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
यह भी है तमन्ना के
उसे दिल से भुला दे
यह भी है तमन्ना के
उसे दिल से भुला दे
इस दिल को मगर उस की
ज़रूरत भी बहोट है
इस दिल को मगर उस की
ज़रूरत भी बोहत है
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
देखे तो ज़रा पीक
ज़फ़र ज़हरे मोहब्बत
देखे तो ज़रा पीक
ज़फ़र ज़हरे मोहब्बत
सुनेटे है के इश्स ज़हेर
में लज़्ज़त भी बहोट है
सुनेटे है के इश्स ज़हेर
में लज़्ज़त भी बहोट है
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
इस दिल को मगर उससे
मोहब्बत भी बोहत है
शिकवे भी हज़ारों है
शिकायत भी बोहत है
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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