Dhal Gaya Chand, Gayi Raat

Pankaj Udhas

ढल गया चाँद गयी रात चलो सो जाए ढल गया चाँद गयी रात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए ढल गया चाँद.. डोर तक घूंज नहीं है किसी सहनाई की डोर तक घूंज नहीं है किसी सहनाई की लूट गयी आश् की बारात चलो सो जाए लूट गयी आश् की बारात चलो सो जाए ढल गया चाँद लोग इकरारे वाफफा करके भुला देते हैं लोग इकरारे वाफफा करके भुला देते हैं यह नहीं कोई नयी बात चलो सो जाए यह नहीं कोई नयी बात चलो सो जाए ढल गया चाँद इतने च्चेंटो से ना धोया गया ये दागेआलम इतने च्चेंटो से ना धोया गया ये दागेआलम क्या कहेगी बरसात चलो सो जाए क्या कहेगी बरसात चलो सो जाए ढल गया चाँद गयी रात चलो सो जाए हो चुकी उनसे मुलाकात चलो सो जाए चलो सो जाए, चलो सो जाए

Written by: Dilip TahirLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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