Parbaton Ke Pedon Par
सुमन कल्याणपुर, Mohammed Rafi
ओ ओ ओ
पर्बतों के पेड़ों पर
शाम का बसेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर
शाम का बसेरा है
सुरमई उजाला है
चम्पई अँधेरा है
सुरमई उजाला है
दोनों वक़्त मिलते है
दो दिलो की सूरत से
दोनों वक़्त मिलते है
दो दिलो की सूरत से
आसमा ने खुश होकर
रंग सा बिखेरा है
आसमा ने खुश होकर
ठहरे ठहरे पानी में
गीत सरसराते है
ठहरे ठहरे पानी में
गीत सरसराते है
भीगे भीगे झोको में
खुशबु ओ का डेरा है
भीगे भीगे झोको में
खुशबु ओ का डेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर
क्यों न जज़्ब हो जाए
इस हसीं नज़ारे में
क्यों न जज़्ब हो जाए
इस हसीं नज़ारे में
रोशनी का झुरमट है
मस्तियो का घेरा है
रोशनी का झुरमट है
मस्तियो का घेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर
अब किसी नज़ारे की
दिल को आरज़ू क्यों हो
अब किसी नज़ारे की
दिल को आरज़ू क्यों हो
जब से पा लिया तुम को
तब जहां मेरा है
जब से पा लिया तुम को
तब जहां मेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर
शाम का बसेरा है
पर्बतों के पेड़ों पर
Written by: N/A KHAIYYAAM, N/A SAHIRLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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