Kabhi Aage Kabhi Pichhe

Laxmikant Pyarelal, Mohammed Rafi

कभी आयेज कभी पिच्चे कभी उपर कभी नीचे कभी डाए मूड जाए कभी बाए मूड जाए जाने कहा कहा मुझे लेके चली जाने कहा कहा मुझे लेके चली मेरी लैला मेरी लैला कभी आयेज कभी पिच्चे कभी उपर कभी नीचे कभी डाए मूड जाए कभी बाए मूड जाए लैला नाम की ताक्शय को मिलते ग्राहक बेढंगे जेब मे ना हो फूटी कोड़ी कांगले बुखे नंगे लेकिन आज मिली किस्मत से ऐसी मस्त सवारी सवारी जिस पर मीटर एंजिन एक्षेलाटोर ब्रेके वारी कभी आयेज कभी पिच्चे कभी उपर कभी नीचे कभी डाए मूड जाए कभी बाए मूड जाए पानी ओर पेट्रोल बराबर फिर क्यू रुक गयी लैला समझा सोटन क्यू बैठी इस कारण जी है मैला शक की जात बड़ी औरत की कों इसे समझाए समझे घोड़ा घास से प्यारा करे तो बोलो क्या खाए

Written by: Laxmikant Pyarelal, Rajinder KrishnanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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