Tu Chand Jaisa

Mohammed Irfan

ओ...साथ मेरे ये अनोखा सा ये क्‍या हो गया आज तू मेरे महरबान हो गया प्‍यार तुझको मुझसे है ये तुने कह दिया सुन के मुझको तो जैसे नशा हो गया तू चांद के जैसा मै धूल अवारा कैसे अपना मिलना हो गया हो तू चांद के जैसा मै धूल अवारा मैने तो ये सोचा ना था ओ.... किस्‍मत अच्‍छी है चलिए मुझको चाहे बलिए मुझ में दिखा तुझको क्‍या ओ तू रंगो का मौसम है मेरी हालत ही तंग है तुझको क्‍या दे पाऊंगा प्‍यार तुझको मुझसे है ये तुने कह दिया सुन के मुझको तो जैसे नशा सा हो गया तू चांद के जैसा मै धूल अवारा कैसे अपना मिलना हो गया हो तू चांद के जैसा मै धूल अवारा मैने तो ये सोचा ना था ओ ....

Written by: Devshi KhanduriLyrics © Phonographic Digital Limited (PDL), Raleigh Music Publishing LLC, RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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