Afiya

Arun Daga, Mohammed Irfan

आफिया मन में आफिया और कहीं पे है भी कहा मन तेरा चाहे सिर्फ़ वफ़ाइए बेपनाह, बेपनाह तेरी इबादत, तेरा यकीन है आफिया आफिया मन तेरा चाहे सिर्फ़ वफ़ाइए बेपनाह, बेपनाह तेरी इबादत, तेरा यकीन है आफिया आफिया इक दुआ बस इक दुआ और तो कुछ माँगा ना था क्यूँ है सब तुझसे खफा, इस तरह इस तरह आफिया मन में आफिया और कहीं पे, है भी कहा आ आ आ आ आ क्यूँ है महफ़िल हे तन्हा तन्हा नज़रो में सेहरा सेहरा क्यूँ है सुबह शब की तरह हर लम्हा हे ठहेरा ठहेरा ना नूर की है बरसाते ना चैन सुकून की बाते है खुदा बता दे अब तो क्या है माजरा गुम शुम गुम शुम सा है पल पल गम घिन सा आलम है छूटे अपनी है सारे अश्क़ो का यह मौसम है अब कैसा यह दस्तूर सब तुझसे है दूर कोई समझे ना तेरा जज्बा मन तेरा चाहे सिर्फ़ वफ़ाइए बेपनाह, बेपनाह तेरी इबादत, तेरा यकीन है आफिया आफिया इक दुआ बस इक दुआ और तो कुछ माँगा ना था क्यूँ है सब तुझसे खफा. इस तरह इस तरह आफिया मन में आफिया और कहीं पे, है भी कहा आफिया मन में आफिया और कहीं पे, है भी कहा

Written by: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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