Jaage Ga Insaan Zaman Dekhega
महेंद्र कपूर
हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
उठेगा तूफान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ
बहता चलेगा मिलो नहरों का पानी
झूमेगी खेती जैसे झूमे जवानी
चमकेगा देश हमारा ओ मेरे साथी रे
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ(आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे)
नवयुग का वरदान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
हो ओ ओ ओ ओ आह आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ
फिरते थे मुल्को मुल्को झोली पसारे
अब से जिएंगे हम भी अपने सहारे
चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ(चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे)
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ(आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे)
भरे हुए खलिहान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ
फूटेगा मौती बनके अपना पसीना
फूटेगा मौती बनके अपना पसीना
दुनिया की कौमे हमसे सिखेंगी जीना
चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे
चमकेगा देश हमारा मेरे साथी रे(हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ)
आँखों में कल का नज़ारा मेरे साथी रे(हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ)
कल का हिंदुस्तान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
जागेगा इंसान ज़माना देखेगा
Written by: Ravi, Sahir LudhianviLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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