Bhool Sakta Hai Bhala Kaun Tumhari Aankhen

महेंद्र कपूर

भूल सकता है भला कौन यह प्यारी आँखे रंग में डूबी हुई नींद से भरी आँखे भूल सकता है भला कौन मेरी हर सांस ने हर सोच ने चाहा है तुम्हे जब से देखा है तुम्हे तब से सराहा है तुम्हे बस गयी है मेरी आँखों में तुम्हारी आँखे रंग में डूबी हुई नींद से भरी आँखे भूल सकता है भला कौन तुम जो नजरों को उठाओ तोह सितारे झुक जाये तुम जो पलकों को झुकाओ तोह ज़माने रुक जाये क्यों न बन जाये इन आँखों की पुजारी आँखे रंग में डूबी हुई नींद से भरी आँखे भूल सकता है भला कौन जागती रातों को सपनो का खजाना मिल जाये तुम जो मिल जाओ तोह जीने का बहाना मिल जाये अपनी किस्मत पे करे नाज़ हमारी आँखे भूल सकता है भला कौन यह प्यारी आँखे रंग में डूबी हुई नींद से भरी आँखे भूल सकता है भला कौन

Written by: N DUTTA, SAHIR LUDHIANVILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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