Barso Ram Dhadake Se
महेंद्र कपूर
बरसो रे बरसो रे
बरसो राम धड़ाके से
ओ बुढ़िया मर गयी फाके से
ओ बरसो राम धड़ाके
ओ बुढ़िया मर गयी फाके से
बुढ़िया मर गई फाके से
बरसो राम धड़ाके से
ओ बुढ़िया मर गयी फाके से
बुढ़िया मर गई फाके से
बरसो राम धड़ाके से
कल जुग में भी मरती है
सतजुग में भी मरती थी
बरसो राम धड़ाके से
बुढ़िया मर गयी फाके से
ओ ये बुढ़िया इस दुनिया मे सदा ही फाके करती थी
जीना इसको रास न था
पैसा इसके पास न था
इसके घर को देख के
लक्ष्मी उड़ जाती थी नाके से
उड़ जाती थी नाके से
बरसो राम धड़ाके से
ओ बुढ़िया मर गयी फाके से
ओ बरसो राम धड़ाके
बुढ़िया मर गई फाके से
बुढ़िया मर गई फाके से
बरसो राम धड़ाके से
झुटे टुकड़े खाकर बुढ़िया
तप्ता पानी पीती थी
बरसो राम धड़ाके से
बुढ़िया मर गयी फाके से
ओय मरती है तो मर जाने दो
पहले भी कब जीती थी
जय हो पैसे वालो की
गेहू के दलालों की
हद से बड़ा मुनाफा यारो की
कुछ भी कम है टाके से
कुछ भी कम है टाके से
बरसो राम धड़ाके से
बुढ़िया मर गयी फाके से
ओ बुढ़िया मर गयी फाके से
बुढ़िया मर गयी फाके से
बुढ़िया मर गई फाके से
बरसो राम धड़ाके से
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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