Gori Teri Aankhen

लकी अली, कविता कृष्णमूर्ति

हम्म हम्म आ आ आ गोरी तेरी आँखें कहें रात भर सोयी नहीं चंदा देखे चुपके कहीं और तारे जानते हैं सभी के किसने दिल ले लिया किसको दिल दे दिया ये दिल का लगाना कोई जानता नहीं गोरी तेरी आँखें कहें रात भर सोयी नहीं दिल में तेरी याद बसी तू समझेगा नहीं (आ आ) जो है मेरे पास है तेरा मेरा कुछ नहीं क्यूँ अंखियाँ छुपाऊँ क्यूँ तुझको सताऊँ दिल तोड़ के तेरा मैं क्या पाऊं बोल पिया बोल पिया बोल पिया बोल (आ आ) साजन तेरी बातें बड़ी के मैं रात भर सोयी नहीं चंदा ने भी देखा नहीं और तारों को ये मालूम नहीं कि मैंने तुझे दिल दिया तेरा दिल ले लिया मेरा तू ही है बहाना क्यूँ मानता नहीं साजन तेरी बातें बड़ी के में रात भर सोयी नहीं आते जाते मौसम जैसे लगते थे सभी (आ आ) हमने भी तो माँगा रब से अपना भी कोई दुनिया से बचाऊँ पलकों में छुपाऊं दिल जीत के तेरा सबको बताऊँ सुन गोरी सुन गोरी सुन गोरी सुन गोरी सुन गोरी सुन (आ आ) गोरी तेरी आँखें कहें जाने अंजाने में कहीं चंदा ने भी देखा नहीं और तारों ने भी जाना नहीं कि तूने मुझे दिल दिया मेरा दिल ले लिया मेरा जीने का बहाना कोई और नहीं गोरी तेरी (आ आ आ आ) हम्म हम्म हम्म हम्म

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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