Kya Kaam Ka

Javed Ali

सोचु भी कैसे मैं खुदको तुमसे जुदा अब तू मुझमें ही बसने लगा जैसा खुदा अब सोचु भी कैसे मैं खुदको तुमसे जुदा अब तू मुझमें ही बसने लगा जैसे खुदा अब तू जैसे मेरा सब कुछ बॅन गया है तू जैसे मेरा सब कुछ बॅन गया है तेरे बिना जीना मेरा जीना मेरा क्या काम का तेरे बिना जीना मेरा जीना मेरा क्या काम का (क्या काम का) क्या काम का (क्या काम का) तू ही मेरा रब्ब, तू ही दुआ है तू ही हासिल जो भी हुआ है तू ही मेरा मर्ज़, तू ही दवा है तू ही असर, बसर है मेरा तू ही मेरा रब्ब, तू ही दुआ है तू ही हासिल जो भी हुआ है तू ही मेरा मर्ज़, तू ही दवा है तू ही असर, बसर है मेरा तू ना हो तो जैसे ज़िंदगी के मायने ही बदल जाते है हो हो हो हो हो हो हो तू ना हो तो जैसे ज़िंदगी के मायने ही बदल जाते है तू ना हो तो जैसे रंग भी वो आईने से निकल जाते है फ़ुर्सत भी मेरी बस एक तू है महफ़िल भी मेरी तू बॅन गया है तेरे बिना जीना मेरा जीना मेरा क्या काम का तेरे बिना जीना मेरा जीना मेरा क्या काम का तू ही मेरा रब्ब, तू ही दुआ है तू ही हासिल जो भी हुआ है तू ही मेरा मर्ज़, तू ही दवा है तू ही असर, बसर है मेरा तू ही मेरा रब्ब, तू ही दुआ है तू ही हासिल जो भी हुआ है तू ही मेरा मर्ज़, तू ही दवा है तू ही असर, बसर है मेर हो हो हो हो हो हो हो

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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