Dil Ke Andar

Javed Ali

हो दिल के अंदर धीरे धीरे नफ़रत का आलम सोया था दिल के अंदर धीरे धीरे नफ़रत का आलम सोया था चाहत के जाने जाने थे बिज मोहब्बत का बोया था दिल के अंदर धीरे धीरे नफ़रत का आलम सोया था दिल के अंदर धीरे धीरे नफ़रत का आलम सोया था अभी इश्क का पत्ता चला था अभी हुस्न को था पहचान अभी इश्क का पत्ता चला था अभी हुस्न को था पहचान अभी जाम को पीकर अपनी मुल सब्सियत को था जान दिल के अंदर धीरे धीरे नफ़रत का आलम सोया था हो अभी साज भी नहीं था सुरु नहीं संगीत हुआ था हो अभी साज भी नहीं था सुरु नहीं संगीत हुआ था सब्द मार्थी अभी अधूरी अब ना पूरा गीत हुआ था दिल के अंदर धीरे धीरे नफ़रत का आलम सोया था हो ऐसी सुखाड़ सुहानी रुत में आकार क्यूं तुम ने जगजॉय सुरु हुआ था अभी अभी स्वप्ना रंगीला मेरा टोडा स्वप्ना रंगीला मेरा टोडा

Written by: AJIT KUMAR SINHA, ZULFQAR ALILyrics © Universal Music Publishing GroupLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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