Zindagi Cigarette Ka Dhuan
Bhupinder Singh
ज़िन्दगी cigarette का धुंआ
ये धुंआ जाता है कहाँ
या कहीं जाता नहीं
ये सोचो ना सोचो
मेरी जान
ये धुंआ जाता है कहाँ
ये धुंआ
ज़िन्दगी cigarette का धुंआ
ये धुंआ जाता है कहाँ
या कहीं जाता नहीं
ये सोचो ना सोचो
मेरी जान
ये धुंआ जाता है कहाँ
ये धुंआ
ज़िन्दगी cigarette का धुंआ
दिल को अपने तू छोटा न करना
हो दिल को अपने तू छोटा न करना
ये कली दिल की फिर से खिलेगी
छीन गयी है जो शक्ति बदन की
वही शक्ति तुझे फिर मिलेगी
तेरे पाँव को चूमेगी
पर्बत की सब चोटियाँ
सब चोटियाँ
ज़िन्दगी cigarette का धुंआ
फिर से दौड़ेगा चलने लगेगा
हो फिर से दौड़ेगा चलने लगेगा
लहू तन में मचलने लगेगा
दिल पे छाया है जो ये अन्धेरा
ये अन्धेरा भी ढ़लने लगेगा
तुझे चाँद पे चलते देखेगा सारा जहां
सारा जहां
ज़िन्दगी cigarette का धुंआ
Written by: Azmi Kaifi, JaidevLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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