Dard To Rukne Ka Ab Naam Nahin Leta
Bhupinder Singh
दर्द तो रूकने का अब नाम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का अब नाम नहीं लेता है
सब्र से दिल भी मेरा
सब्र से दिल भी मेरा, काम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का अब नाम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का
जब से बक्शे हैं मेरी, आँखों को आसूँ तूने
जब से बक्शे हैं मेरी, आँखों को आसूँ तूने
तब से दीवाना दिल
तबसे दीवाना दिल, आराम नहीं लेता है
सब्र से दिल भी मेरा
सब्र से दिल भी मेरा, काम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का अब नाम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का
इतना संगदिल है के, बर्बाद वो करके मुझको
इतना संगदिल है के, बर्बाद वो करके मुझको
अपने सर कोई भी
अपने सर कोई भी, इल्जाम नहीं लेता है
सब्र से दिल भी मेरा
सब्र से दिल भी मेरा, काम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का अब नाम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का
ये इनायत भी नहीं, कम मेरे हरजाई की
ये इनायत भी नहीं, कम मेरे हरजाई की
जख्म देता है मगर
जख्म देता है मगर, दाम नहीं लेता है
सब्र से दिल भी मेरा
सब्र से दिल भी मेरा, काम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का अब नाम नहीं लेता है
दर्द तो रूकने का
दर्द तो रूकने का
दर्द तो रूकने का
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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