Rahiman Dhaga
Bawari Basanti
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकायें
टूटे से फिर न जुड़े खुले गांठ पढ़ जाये
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकायें
टूटे से फिर न जुड़े खुले गांठ पढ़ जाये
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकायें
टूटे से फिर न जुड़े खुले गांठ पढ़ जाये
ऐसी बानी बोलिये मन का आपा खोये
औरों को शीतल करें, आपहु शीतल होवे
बुरा जो देखा में चला, बुरा न मिलिया कोई
जो मन खोजा अपना, मुझसे बुरा न कोई
लोग कहे मीरा बावरी, समाज कहें कुलनासी रे
देह नैन बिन रेन चंद्र बिन, मीरा प्रेम बिन प्यासी रे
रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चिटकायें
खुले गांठ पढ़ जाये आआआ
आ आ आ आ आ आ
रहिमन धागा प्रेम का आआआआ
रहिमन धागा प्रेम का आआआआ
रहिमन धागा प्रेम का आआआआ
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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