Raah Pe Rehte Hain

अरिंदम गन चौधरी, Tunai Debasish Ganguly, R.D. Burman

हो, राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं खुश रहो एहले वतन हो, हम तो सफ़र करते हैं हो, उड़ते पैरों के तले जब बहती हैं ज़मीं उड़ते पैरों के तले जब बहती हैं ज़मीं मुड़ के हम ने कोई मंज़िल देखी ही नहीं रात-दिन राहों पे हम हो, शाम-ओ-शहर करते हैं राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं खुश रहो एहले वतन हो, हम तो सफ़र करते हैं ऐसे उजड़े आशियाने, तिनके उड़ गए, हो ऐसे उजड़े आशियाने, तिनके उड़ गए बस्तियों तक आते-आते रस्ते मुड़ गए हम ठहर जाएं जहाँ हो, उसको शहर कहते हैं राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं खुश रहो एहले वतन हो, हम तो सफ़र करते हैं

Written by: GULZAR, R.D.BURMAN R.D.BURMAN, TUNAI DEBASISH GANGULYLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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