Bheegi Bheegi Raaton Mein

अरिंदम गन चौधरी

भीगी भीगी रातों में मीठी मीठी बातों में ऐसी बरसातों में कैसा लगता है हाँ ऐसा लगता है तुम बनके घटा अपने सजन को भीगो के खेल खेल रही हो खेल रही हो बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूँ आ छुपा लूँ बरखा से बचा लूँ तुझे सीने से लगा लूँ आ छुपा लूँ आ छुपा लूँ हो पानी के इस रेले में सावन के इस मेले में छत पे अकेले में कैसा लगता है बोलो ऐसा लगता है तुम बनके घटा अपने सजन को भीगो के खेल खेल रही हो खेल रही हो ए ए ए ए आ आ आ आ

Written by: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMANLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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