Me Udi

Yashita Sharma

हाँ, उड़ी, उड़ी, उड़ी हाँ, उड़ी, उड़ी, उड़ी मैं, उड़ी बगल में चाँद लेके मैं तारों की दुकान लेके मैं (मैं) रोकने, मैं टोकने, खुदी में खुद को झोंकने लहर-लहर बहे जिधर, साथ होके बेख़बर मैं बह रही हूँ आज जाने क्यूँ Ooh, ooh, ooh मैं, उड़ी बगल में चाँद लेके मैं तारों की दुकान लेके मैं ले दिल ज़मीं ने ढूँढ ली वहीं जहाँ हवाएँ गुनगुनी नहीं कि ज़ोर आज़माती बिजलियाँ भी गालों पे करेंगी गुदगुदी लत जीने की बड़ी लग जाए हाथों में कोई छड़ी लग जाए ब बम ब बम ब बम बम तू रंग बदल (तू रंग बदल) ले तितलियाँ (लें तितलियाँ) उड़ चली (उड़ चली) ये मछलियाँ (ये मछलियाँ) अँधेरियाँ उलाँघती मैं कल को कल पे टाँगती चल रही हूँ आज जाने क्यूँ Ooh, ooh, ooh मैं, उड़ी बगल में चाँद लेके मैं तारों की दुकान लेके मैं मैं ख़ाब की हथेली पे सँवार हूँ मैं खुशमिजाज़ियों की भी शिकार हूँ मैं ख़ाब की हथेली पे सँवार हूँ मैं खुशमिजाज़ियों की भी शिकार हूँ किसी की आजकल मैं सुनती हूँ कहाँ उदासियों के घर मैं गिनती हूँ कहाँ मैं, उड़ी-उड़ी, उड़ी-उड़ी मैं उड़ी-उड़ी, उड़ी-उड़ी मैं मैं, मैं

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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