आँखें मल्टी ये सुबेह फिर नयी है
बाहें खोले ये हवा फिर नयी है
घर ले जाए मेरी उंगली पकड़ कर
बेताबियाँ फिर नयी
गले लगाती धूप फिर नयी है
वापस बुलाती छाओ फिर नयी है
घर ले जाए मेरी उंगली पकड़ कर
बेताबियाँ फिर नयी
मैं मम्मी से चोटी बनवाने
मैं पॅपा से झूला झुलवाने
मैं घर को सर पे उठा ने चली
करने मनमानिया फिर नयी
मैं नयी ड्रेस में साज के इठलाने
मैं नयी धुन पे ठुमके लगाने
मैं नये सपने छत से उड़ाने चली
कर ने मंमोझिया फिर नयी
गोदी सुलाती सूब-हा फिर नयी है
नींदे ढलती हवा फिर नयी है
घर ले जाए मेरी उंगली पकड़ कर
बेताबियाँ फिर नयी
पिक्चर में सीटी मारने मैं चली
हीरो गली के ताड़ ने मैं चली
टूशन बंक कर मस्तानी चली
करने शैतानिया फिर नयी
यारो से गॅप लड़ने मैं चली
दिल भर उधम मचाने मैं चली
चौके छक्के लगाने चली
करने बदमाशियाँ फिर नयी
आखें मल्टी ये सुबेह फिर नयी है
बाहें खोले ये हवा फिर नयी है
घर ले जाए मेरी उंगली पकड़ कर
बेताबियाँ फिर नयी
गले लगती धूप फिर नयी है
वापस बुलाती छाओ फिर नयी है
घर ले जाए मेरी उंगली पकड़ कर
बेताबियाँ फिर नयी
Written by: AMIT TRIVEDI, KAUSAR MUNIRLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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