Dekha Ek Khwab

Tarun Makhijani, Lata Mangeshkar, Kishore Kumar

देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए (ला ला ला ला) दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (हम्म हम्म) मेरी साँसों में बसी ख़ुशबू तेरी ये तेरे प्यार की है जादुगरी तेरी आवाज़ है हवाओं में प्यार का रँग है फ़िज़ाओं में धड़कनों में तेरे गीत हैं खिले हुए क्या कहूँ के शर्म से हैं लब सिले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए देखा एक ख़्वाब तो ये सिलसिले हुए फूल भी हों दर्मियां तो फ़ासले हुए तेरी तस्वीर है निगाहों में दूर तक रौशनी है राहों में कल अगर ना रौशनी के काफिले हुए प्यार के हज़ार दीप हैं जले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (आ आ आ आ) ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए ( देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए) दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए ( दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए) देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए दूर तक निगाहों में हैं गुल खिले हुए (आ आ आ आ) ये गिला है आपकी निगाहों से फूल भी हो दरमियान तो फासले हुए

Written by: Akhtar Javed, JAVED AKHTAR, SHIV HARILyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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