Tum Roothi Raho

Tarun Makhijani, Mukesh, Lata Mangeshkar

तुम रूठी रहो मैं मनाता रहु तुम रूठी रहो मैं मनाता रहु की इन अदाओ पे और प्यार आता है इन अदाओ पे और प्यार आता है थोड़े शिक़वे भी हो कुच्छ शिकायत भी हो थोड़े शिक़वे भी हो कुच्छ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है तुम रूठी रहो मैं मनाता रहु तुम रूठी रहो मैं मनाता रहु की इन अदाओ पे और प्यार आता है इन अदाओ पे और प्यार आता है हाय दिल को चुराकर ले गया मुँह छूपा लेना हमसे वो आपका मुँह छूपा लेना हमसे वो आपका देखना वो बिगड़ कर फिर हमे और दांतो मे उंगली का दाबना और दांतो मे उंगली का दाबना ओ मुझे तेरी क़सम यही समान मार गया इसी जलवे पे तेरे दोनो जहाँ हार गया तुम रूठी रहो मैं मनाता रहु की इन अदाओ पे और प्यार आता है इन अदाओ पे और प्यार आता है थोड़े शिक़वे भी हो कुच्छ शिकायत भी हो तो मज़ा जीने का और भी आता है मज़ा जीने का और भी आता है

Written by: Hasrat Jaipuri, Shankar-JaikishanLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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