Sudhar Ja

प्रकृति ककर, सुकृती काकर

मेरे लिये तू पहली दफा था देखा तुझे और कुछ तो हुआ था अब लगे जैसे सपना बुरा था लव तुमसे करके भी देखा तुमपे हाँ मरके भी देखा सौ बार मिलके भी देखा बातें होनी थी हो गयी रातें है आज से नई जाते जाते सुन ले मेरी तु फिकर मेरी छड दे हो हो हो सुधर जा सुधर जा जा घर जा हो हो हो सुधर जा जा घर जा घर जा घर जा जा घर जा औ औ में में औ घर जा घर जा जा जा घर जा घर जा जा घर जा घर जा घर जा जा जा घर जा घर जाजा घर जा तेरा मुझसे phone छुपाना केहन्दा busy हूँ मैं सब है बहाना नया रोज़ करदा है ड्रामा ओ नये नये friend बनाना कभी मुझे उनसे ना मिलवाना खुद को single ही बताना(बताना) आँखें रोनी थी रो चुकी चीज़ें होनी थी हो चुकी खोना था तुझको खो चुकी अब फिकर मेरी छड दे हो हो हो सुधर जा सुधर जा जा घर जा हो हो हो सुधर जा जा घर जा घर जा घर जा घर जा घर जा जा घर जा घर जा घर जा घर जा घर जा जा घर जा बदली क्यूँ मैं तेरे लिये बेपरवाह हो गयी मैने किसी की ना सुनी गलती करदी मैने बड़ी तु लायक ही नही अब जाके आँखें है खुली ही ही सीधा भी तु इतना नही बिल्कुल भी तू बदला नही अब सुन मैं तो तंग आ गयी तु फिकर मेरी छड दे हो हो हो सुधर जा जा घर जा घर जा संभल जा

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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