Zaalima By Sona Mohapatra

सोना मोहपात्रा

तेरे होठों से अछा लगता है मुझे कह लाना ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा फरमाईश मेरी मान ले ना फिर ज़रा दोहराना ओ ज़ालिमा हो ज़ालिमा हाँ तेरे होठों से अछा लगता है मुझे कह लाना ओ ज़ालिमा हो ज़ालिमा फरमाईश मेरी मान ले ना फिर ज़रा दोहराना ओ ज़ालिमा हो ज़ालिमा दो दिन की नही थी ये दिल्लगी अपना सिलषिला पुराना हुवा कोई दूसरा मूज़े पे ना हुवा एक तू जिस तरह दीवाना हुवा मैं सब कुछ तेरे नाम कर डू तू एक बार बुलाना ओ ज़ालिमा हो ज़ालिमा सांसो मैं तेरी नज़दीकियो का इत्तर तू घोल दे घोल दे मैं हि कयु इश्क़ ज़ाहिर करू तू भी कबी बोल दे बोल दे खाबो से रहे दो पल दूर तो मुझ को यूँ लगे ज़माना हुवा सीने से मेरे लग भी जा ज़रा काफ़ी रूठना मनना हुवा मेरे गालो पे उंगलियो से आ ज़रा लिख जाना ओ ज़ालिमा हो ज़ालिमा हाँ तेरे होठों से अछा लगता है मुझे कहलाना ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा ओ ज़ालिमा.

Written by: Lyrics © RALEIGH MUSIC PUBLISHINGLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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