Ghalat Fehmi

Yashita Sharma, सिद्धार्थ अमित भावसार

मिल गए हैं हम यहाँ पे कैसे दो अनजाने मिल रहें हों जैसे ये अनजानी तो नहीं हैं बातें कि सदियों से हो रही हों जैसे क्या है ये? क्यूँ है ये? 'गर है ये तो है ये(क्या है ये? क्यूँ है ये? 'गर है ये तो है ये) ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा(ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा) ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा(ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा) या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही(या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही) या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही(या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही) उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ (हो हो हो हो ) बोल पाएँगे क्या हाल दिल का सोचने लगे सवाल कैसे साथ हम रहेंगे क्या हमेशा कि डर है मीठी उलझनों के जैसे क्या है ये? क्यूँ है ये? जो है ये सो है ये(क्या है ये? क्यूँ है ये?जो है ये सो है ये) ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा(ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा) ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा(ये इत्तिफ़ाक़ है या है यही लिखा) या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही(या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही) हाँ, या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही(या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही) या है ग़लतफ़हमी? या है ग़लतफ़हमी(या है ग़लतफ़हमी? या है ग़लतफ़हमी) या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही(या है ग़लतफ़हमी? तो अब यही सही)

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