Sar Pe Topi Lal
Shibani Kashyap, Anurag Abhishek
हा हू आ आ
सर पे टोपी लाल
हाथ में रेशम का रूमाल
हो तेरा क्या कहना
सर पे टोपी लाल
हाथ में रेशम का रूमाल
हो तेरा क्या कहना
गोरे गोरे गाल गाल पे उलझे उलझे बाल
हो तेरा क्या कहना
गोरे गोरे गाल गाल पे उलझे उलझे बाल
हो तेरा क्या कहना
हा हू आ आ
औ मेरा दिल तो जान ऐ जान
चुराके चलि कहाँ
नशे में भरी भरी
औ चुराऊँ मैं दिल तेरा
जिगर भी नहीं मेरा
उम्र भी नहीं मेरी
चुराऊँ मैं दिल तेरा
जिगर भी नहीं मेरा
उम्र भी नहीं मेरी
बहकी बहकी चाल है
लचके जैसे डाल
हो तेरा क्या कहना
सर पे टोपी लाल
हाथ में रेशम का रूमाल
हो तेरा क्या कहना
सर पे टोपी लाल
हाथ में रेशम का रूमाल
हो तेरा क्या कहना
गोरे गोरे गाल गाल पे उलझे उलझे बाल
हो तेरा क्या कहना
गोरे गोरे गाल गाल पे उलझे उलझे बाल
हो तेरा क्या कहना
हा हू आ आ
हो ये क्यों दिल पे हाथ है
वह क्या ऐसी बात है
हमें भी बताइए
औ भला इतनी दूर से कहूँ क्या हुज़ूर से
मेरे पास आइए
भला इतनी दूर से कहूँ क्या हुज़ूर से
मेरे पास आइए
हो हो के बेहाल बालमा
ये सतरंगी चाल
हो तेरा क्या कहना
सर पे टोपी लाल
हाथ में रेशम का रूमाल
हो तेरा क्या कहना
सर पे टोपी लाल
हाथ में रेशम का रूमाल
हो तेरा क्या कहना
गोरे गोरे गाल गाल पे उलझे उलझे बाल
हो तेरा क्या कहना
गोरे गोरे गाल गाल पे उलझे उलझे बाल
हो तेरा क्या कहना
Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind
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