In Ankhon Ki Masti

Shibani Kashyap, Anurag Abhishek

इन आँखों की मस्ती के आ आ आ आ आ आ इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के इक तुम ही नहीं तन्हा उलफ़त में मेरी रुसवा उल्फ़त में मेरी रुसवा इस शहर में तुम जैसे इस शहर में तुम जैसे दीवाने हज़ारों हैं दीवाने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के इक सिर्फ़ हम ही मय को इक सिर्फ़ हम ही आँखों से पिलाते हैं आँखों से पिलाते हैं कहने को तो दुनिया में कहने को तो दुनिया में मयख़ाने हज़ारों हैं मयख़ाने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं इन आँखों से वाबस्ता अफ़साने हज़ारों हैं इन आँखों की मस्ती के

Written by: Khaiyyaam, SHAHRYAR, SHARMAJI KHAIYYAMLyrics © Royalty NetworkLyrics Licensed & Provided by LyricFind

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