Khul Jaun Kya
समीर राहत, Rahat Indori
मुझ में कितने राज़ है
बतलाऊँ क्या
मुझ में कितने राज़ है
बतलाऊँ क्या
बंद हूँ एक मुद्द्त से
खुल जाऊं क्या
मुझ में कितने राज़ है
बतलाऊँ क्या
बंद हूँ एक मुद्द्त से
खुल जाऊं क्या
हम्म…. हम्म हम्म
कल यहाँ मै था जहां
तुम आज हो
कल यहाँ मै था जहां
तुम आज हो
मै तुम्हारी ही तरह
इतराऊं क्या
मुझ में कितने राज़ है
बतलाऊँ क्या
मुझ में कितने राज़ है
बतलाऊँ क्या
आज सी मिन्नत खुशामद इल्तज़ा
आज सी मिन्नत खुशामद इल्तज़ा
और मै क्या क्या करूँ
मर जाऊं क्या
मुझ में कितने राज़ है
बतलाऊँ क्या
बंद हूँ एक मुद्द्त से
खुल जाऊं क्या इतराऊं क्या
ठुकराऊँ क्या
फिर आऊं क्या
मर जाऊं क्या क्या क्या क्या क्या
इतराऊं क्या क्या मर जाऊ क्या इतराऊं क्या क्या
फिर आऊं क्या क्या मर जाऊं क्या क्या
हो
बतलाऊँ क्या
खुल जाऊं क्या
ठुकराऊँ क्या क्या
फिर आऊं क्या क्या
मर जाऊं क्या क्या
बतलाऊँ क्या
खुल जाऊं क्या
इतराऊं क्या क्या
ठुकराऊँ क्या क्या
फिर आऊं क्या क्या
मर जाऊं क्या क्या क्या क्या
बतलाऊँ क्या क्या क्या
खुल जाऊं क्या क्या क्या
बतलाऊँ क्या
खुल जाऊं क्या
Written by: RAHAT INDORI, SAMEER RAHATLyrics © Sony/ATV Music Publishing LLCLyrics Licensed & Provided by LyricFind
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