Qafile Noor Ke

Rashid Khan, Yasser Desai

आ आ क़ाफिले नूर के तेरे संग संग चले आसमान मैं चाँद भी जैसे है खिले खिले आ आ क़ाफिले नूर के तेरे संग संग चले आसमान मैं चाँद भी जैसे है खिले खिले कहकशाओ से तेरी ज़मीन सज़ी खुबसूरत हो गया आलम सभी दे इजाजत तू मुझे इश्क कर लूं मैं तुझे क़ाफिले नूर के तेरे संग संग चले आसमान मैं चाँद भी जैसे है खिले खिले तेरे जलवो की बारिश कभी थमती नहीं प्यार की मेरि ख्‍वाहिश कभी घटती नहीं आ आ ओ ओ तेरे जलवो की बारीश कभी थमती नहीं प्‍यार की मेरी ख्‍वाहिश कभी घटती नहीं हूर जन्नत की मुझे लगती है तू मेरी नज़र को बड़ी जचती है तु देख मंझर बड़ गये है होसले क़ाफिले नूर के तेरे संग संग चले आसमान मैं चाँद भी जैसे है खिले खिले छा गया मुझ पे ऐसा तेरा ही खुमार कर ले मेहफिल में तेरी अब तो मेरा शुमार हो हो हो हो छागया मुझ पे ऐसा तेरा ही खुमार कर ले मेहफिल में तेरी अब तो मेरा शुमार अपनी साँसो में मुझे बसा ले तू तुझे पे मरने का मुझे सिला दे तू अब तो कर ले कुछ ना कुछ तू फैसले क़ाफिले नूर के तेरे संग संग चले आसमान मैं चाँद भी जैसे है खिले खिले

Written by: Lyrics Licensed & Provided by LyricFind

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