Gham Na Hone

Rashid Khan

गम ना होने का कोई जश्न मनायें कैसे? गम ना होने का कोई जश्न मनायें कैसे? याद आते ही नही तुम तो भुलायें कैसे? गम ना होने का कोई जश्न मनायें कैसे? तक के सो जाती है हर रात सुलाने में जिन्हें तक के सो जाती है हर रात सुलाने में जिन्हें ऐसी आँखों को सुलायें तो सुलायें कैसे? याद आते ही नही तुम तो भुलायें कैसे? गम ना होने का कोई जश्न मनायें कैसे? जिसके हर शहेर में होता है ताज़किरा उनका जिसके हर शहेर में होता है ताज़किरा उनका वो गाज़ल आपकी महफ़िल में सुनायें कैसे? गम ना होने का कोई जश्न मनायें कैसे? जिस्म महका है तेरी खुश्बुओं में, आए तुराज़ जिस्म महका है तेरी खुश्बुओं में, आए तुराज़ वेस्ल हम तेरा ज़माने से च्छुपायें कैसे? याद आते ही नही तुम तो भुलायें कैसे? गम ना होने का कोई जश्न

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